कंप्यूटर की तकनीकी और कार्यात्मक सीमाएँ
1. बुद्धिमत्ता की कमी:
कंप्यूटर स्वतंत्र रूप से विचार नहीं कर सकता। यह केवल प्रोग्राम किए गए निर्देशों के अनुसार काम करता है। उदाहरण के लिए, यह डेटा को प्रोसेस कर सकता है, लेकिन भावनाएं, रचनात्मकता या नैतिक निर्णय नहीं ले सकता। अगर प्रोग्राम में कोई गलती हो जाती है, तो यह गलत परिणाम देगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की उन्नति के बावजूद, यह पूरी तरह से मानव मस्तिष्क का स्थान नहीं ले सकता।
2. निर्भरता:
कंप्यूटर बिजली, इंटरनेट और सटीक इनपुट पर निर्भर करता है। बिना बिजली के यह बेकार हो जाता है। गलत डेटा या वायरस इसकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि सॉफ्टवेयर क्रैश हो जाता है या हार्डवेयर खराब हो जाता है, तो सारा काम रुक जाता है। यह रखरखाव और अपडेट्स पर भी निर्भर रहता है।
3. सीमित रचनात्मकता:
कंप्यूटर रचनात्मक कार्यों में सीमित होता है। यह डिज़ाइन या कला बना सकता है, लेकिन केवल प्रोग्राम किए गए टूल्स (जैसे Photoshop) की मदद से। यह नए आइडिया या कथाएं खुद से नहीं बना सकता। उदाहरण के लिए, एक लेखक की तरह कविता लिखना या एक चित्रकार की तरह अनोखी पेंटिंग बनाना इसके लिए संभव नहीं है।
4. उच्च लागत:
कंप्यूटर और इसके संसाधनों की लागत अधिक हो सकती है। हार्डवेयर (जैसे GPU), सॉफ्टवेयर लाइसेंस (जैसे MS Office) और रखरखाव महंगा पड़ सकते हैं। छोटे व्यवसायों या व्यक्तियों के लिए यह एक आर्थिक बोझ हो सकता है। साथ ही, पुराने सिस्टम को अपग्रेड करने की लागत भी बढ़ जाती है।
5. डेटा सुरक्षा जोखिम:
कंप्यूटर साइबर हमलों का शिकार हो सकता है। हैकिंग, वायरस और डेटा चोरी आम समस्याएँ हैं। उदाहरण के लिए, रैनसमवेयर डेटा को लॉक कर सकता है, और फिशिंग अटैक से गोपनीय जानकारी चोरी हो सकती है। यह सुरक्षा सॉफ़्टवेयर और जागरूकता पर निर्भर करता है।
6. स्वास्थ्य समस्याएँ (Health Issues)
लंबे समय तक कंप्यूटर का उपयोग करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे आँखों में थकान, कमर का दर्द और मानसिक दबाव। उदाहरण के लिए, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम हो सकता है। यह कार्यक्षमता को प्रभावित करता है और उपयोगकर्ताओं को विश्राम करने की आवश्यकता होती है।
7. सामाजिक अकेलापन (Social Isolation)
कंप्यूटर और इंटरनेट का अत्यधिक प्रयोग सामाजिक दूरी बढ़ा सकता है। लोग वास्तविक संपर्कों के बजाय ऑनलाइन दुनिया में अधिक समय बिताने लगते हैं। उदाहरण के लिए, सोशल मीडिया या गेमिंग की लत सामाजिक जीवन पर असर डालती है।
8. रोजगार पर प्रभाव (Job Displacement)
कंप्यूटर और स्वचालन के कारण कई पारंपरिक नौकरियाँ समाप्त हो रही हैं। उदाहरण के लिए, कारखानों में मशीनें मैनुअल श्रम की जगह ले रही हैं। यह उन लोगों के लिए चुनौती बनता है जिनके पास तकनीकी कौशल नहीं है।

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